क्या कारण है कि एक बार विदेश में बसने के बाद लोग भारत में रहना या वापस लौटना पसंद नहीं करते?

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लोग आमदनी,सुरक्षा की बात कर रहे हैं।

अगर हत्या और बलात्कार को देखा जाए तो भारत अमेरिका से कहीं ज्यादा सुरक्षित है । प्रति वर्ष हर लाख लड़की पर वहां 30 रेप होते हैं , भारत मे केवल 2. वहां हत्या दर का स्तर भी वही है. लास वेगास ,बोस्टन , टेक्सास जैसे शहर अपराधियों के अड्डे हैं।

अमीरी की बात की जाए तो तो लोग आमदनी देखते हैं , खर्च नहीं। भारत में 3 bhk होम 50 लाख में मिल जाएंगे और अमेरिका में ये 20 करोड़ भारतीय रुपये से कम में नहीं मिलेगा । अब विद्वन अर्थशास्त्र महंगाई दर पर बात करते हैं जिसे ट्रिपल पी जीडीपी कहा जाता है । जिसमें भारत और अमेरिका की आर्थिक ताकत समान है। यानी वर्ल्ड बैंक के अनुसार PPP जीडीपी का साइज 3 ट्रिलियन नहीं बल्कि 15 ट्रिलियन है । यहां इतना सस्ता डेटा आपको मिल रहा है 2 रुपए में 1 gb , वहां इसके लिए 15$ देने पड़ेंगे यानी 1 हजार रुपये देने पड़ेंगे। न्यूयार्क और शिकागो जैसे शहर में घर लेके रहना बेहद ही महंगा है। अब अमेरिका के किसी कस्बा में जा के बस जाना , जैसा अधिकतर भारतीय करते हैं, उसमें क्या सुविधा है भाई । सच तो ये है वहां जाने के बाद लोग क्रेडिट के दुष्चक्र में फंस जाते हैं । उधार पर घर और कार ले लेते हैं और जिंदगी भर emi भरते हैं । और आम जीवन का खर्च इतना आसान नही है । कई लड़के हैं जो बस 1 कमरे के घर में रहते हैं ।

ये सब धारणाएं प्रचार से बनती हैं। अब मुम्बई और पटना की तुलना कर के देखे । वहां भी हत्या बलात्कार को कोई पूछता भी नहीं । अगर पटना में एक हत्या हो जाये तो कोहराम मच जाता है। मुझे तो मुम्बई कुछ इलाकों को छोड़कर झोपड़पट्टियों से सजा बहुत ही बदबूदार लगा । वहीं पटना को स्लम्फ्री सिटी का दर्जा मिला है । मानसून को छोड़कर ये काफी हराभरा साफ सुथरा दिखता है । तेजी से बढ़ रहा ये महानगर 10 वर्षो में 1 करोड़ की आबादी को पार कर मेगासिटी बन जायेगा ।आम लोगों को अंतर कर पाना कठिन है । गप और मीडिया के विज्ञापनों से हटकर तथ्यों को बराबरी कर के देखें तो दुनिया काफी अलग है ।

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कमाई का यूएस डॉलर में होने की बात । तो देखिए भारत के श्रेष्ठ कॉलेज से पढ़कर कोई युवक सिलिकॉन वैली उतरता है तो 10 वर्षों के अनुभव पर उसे सालाना 60 से 80 हजार डॉलर मिलते हैं यानि 50 से 70 लाख रुपये।हर कोई पिचाई , नडेला सीईओ ही नहीं बना जाता। ऊपर मैंने घर इत्यादि खर्चों के बारे मे बताया ही । बाकी खरचों मे जैसे बच्चों की कॉलेज शिक्षा मे प्रति वर्ष करीब 20 लाख भारतीय रुपये लगते हैं । How Much Does it Cost to Study in the US?

ऐसे मे उनका हाथ तंग नहीं रहता , ऐसा नहीं कह सकते। जिन्हें शंका है वो नेट पर विकिपिडिया ppp gdp की पढ़ाई करें । US की बात इसलिए की क्योंकि अमेरिका आईआईटी से निकालने वाले छात्रों की एक प्राथमिकता है, ऑस्ट्रेलिया या कनाडा नहीं जहां अन्य छात्र जाते हैं । ऐसा नहीं कि वो सभी अमेरिका ही जाना चाहते हैं । आजकल आईआईटी छात्र बाहर से आकर लोक सेवा की तैयारी कर रहे हैं । गौरव अग्रवाल , कनिष्क कटारिया उदाहरण हैं ।

कुछ लोगों का मानना है कि भारत मे रेप की रिपोर्ट नहीं लिखी जाती है, इसलिए सरकारी आँकड़े गलत है । कुछ हद तक सही है । ये माना जा सकता है कि 1 लाख महिला पर 1.8 की जगह ज्यादा से ज्यादा से 5 बलात्कार होते हों । लेकिन अमेरिका और ब्रिटेन के बराबर 15 गुना ज्यादा,30 अपराध होते हों ऐसा नहीं हो सकता ? शर्म के मारे बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज नहीं कारवाई जाती हो । फिर भी हत्या में तो पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करना ही पड़ता है । इसके अलावा कई रिपोर्ट फाल्स चार्ज भी होते हैं । भारत की आबादी 140 करोड़ है ।मान भी ले कि 1 लाख पर 5 रेप होते हैं , फिर भी ये बहुत ही कम है । ज्यादातर महीलियाएँ सुरक्षित हैं । बिहार मे छेड़छाड़ की घटना इतनी नहीं कि मौर्यालोक मे महिलायें खरीदारी के लिए निकलती नहीं, और अमेरिकी महिलायें बहुत सुरक्षित हैं जैसाअन्य लेखक कह रहे। । पुलिस के अलावा ये लोगों के संस्कारों पर निर्भर करता है। अमेरिका मे अपराध गंभीर चिंता बन चुकी है । वहाँ चप्पे चप्पे पर पब कल्चर है । किसी छात्र का यूनिवर्सिटी कॅम्पस मे गोलीबारी कर देना आम है । अमेरिकन समाजशास्त्री ही कहते हैं कि नई पीढ़ी बहुत हिंसक हो चुकी है – Your generation was more violent

। दूर की समस्याएं हमारे कान पर पड़ती नहीं जिसके चलते हमें लगता है कि बाहर अच्छा ही अच्छा है ।

 

फिर भी बीबीसी जैसे पोर्टल भारत को रेप कैपिटल कहते हैं । इसमें उनकी व्हाइट सुपरमैसी ही दिखती है जिसमें अश्वेत लोगों को थर्ड वर्ल्ड नैशन से पहचानते हैं और वो सर्वश्रेष्ठ हैं । समस्या है कि अंग्रेजी से आतंकित भारत मे कुछ नकलची बिना जांच किए वही बात करते हैं।

एक सज्जन ने भारत मे भ्रष्टाचार के बारे में पूछा है । ट्रैन्स्पेरन्सी इन्टरनैशनल के अनुसार भारत एक भ्रष्ट देश है और और स्विट्जरलैंड सबसे कम भ्रष्ट । अब आप खुद जांच लें कि अन्तराष्ट्रिय आर्थिक अपराध का गढ़ है स्वितजेरलैंड । दुबई , बैंगकोक,निदरलैंड, स्विट्जरलैंड में आपराधिक गतिविधियों की जानकारी ले लें ।

पटना को एक उद्धहरण मे दिया , क्योंकि लोग बिना जाने इसे पिछड़ा कहते हैं । जो लोग पटना को एक छोटा शहर कहते हैं , उन्होंने पटना को कभी देखा है । Patna Metropolitan Region – Wikipedia
। तथाकथित छोटे शहर जयपुर , लखनऊ, टाटासिटी , रायपुर जैसे भी 10 वर्षों में मेगासिटी मे तब्दील होंगें, ऐसा आर्थिक सर्वे कहता है । इन्फ्रस्ट्रक्चर में बदलाव हो चुके हैं । दिल्ली मुंबई और इन व्यवस्थित शहरों मे सुविधाओं का अंतर नहीं ,क्योंकि ज्यादातर राज्य आजकल 8 फीसदी से ज्यादा ग्रोथ कर रहे। नए प्रोजेक्ट लग रहे।