AK 47 राइफल के बारे में ये बातें आपको कोई नहीं बताएगा

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जिसके नाम से ही अच्छे-अच्छों की रूह कंप जाती है। वो राइफल है AK 47, इस राइफल का इस्तेमाल भारत में केवल आर्मी या पुलिस की स्पेशल फोर्स ही करती है। इनके अलावा इसका इस्तेमाल आतंकवादी अपने घिनौने इरादों को पूरा करने के लिए करते है। भारत में इसे रखना या इस्तेमाल करना आम आदमी के लिए गैरकानूनी है। इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि अगर ये किसी भी आम आदमी के पास से बरामद की जाती है तो उसके खिलाफ सीधा देश द्रोह का मामला दर्ज किया जता है। आज सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले के बाद AK-47 चर्चा में हैं। दरअसल सोहराबुद्दीन को 40 AK-47 रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद 2005 में उसका एनकाउंटर कर दिया गया। शुक्रवार को सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में 22 लोगों को बरी कर दिया गया है। सोहराबुद्दीन की गिरफ्तारी और एनकाउंटर की वजह बनीं AK-47 राइफल कितनी खतरनाक हो सकती है ये तो आप समझ ही गए होंगे|

AK47 का पूरा नाम Automatic Kalashnikov-47 है जो 1947 में बनी थी। इसका आविष्कार mikhail Kalashnikov ने किया था। लेकिन कभी अपने इस आविष्कार से पैसा नहीं कमाया।2013 में mikhail Kalashnikov की 94 साल की उम्र में मौत हो गई थी।AK47 का Akm वर्जन इस समय दुनिया का सबसे हल्का राइफल है। फुल लोड होने के बाद भी इस राइफल का वजन केवल 4 किलो है, इससे एक मिनट में लगभग 600 राउंड किए जा सकते है, यानि 1 सेकंड में 10 गोली। AK47 में एक बार में 30 गोलियां भर सकते हैं।

ये इतनी पावरफुल है कि यह कुछ दीवारों, यहां तक की कार के धातु के दरवाजे को भी भेद कर उसके पीछे बैठे इंसान को मार सकती है।बदूंक की नली से गोली छूटने की रफ्तार 710 प्रति सेकंड है। इसे चलाने के लिए किसी खास ट्रेनिंग की जरुरत भी नहीं होती। इसकी साफ-सफाई और इसे मेटेंन करना बहुत आसान है। यही वजह है कि आतंकवादियों की ये पहली पसंद बनी हुई है।

AK47 में Automatic और SemiAutomatic दोनों तरह के गुण होते हैं। Automatic मतलब एक बार टिगर दबाने से गोलियां चलती रहतीं हैं और SemiAutomatic मतलब कि एक बार टीगर दबाने से एक गोली ही चलती है। AK-47 राइफल अकेली ऐसी राइफल है, जो किसी भी वातावरण में काम कर सकती है। चाहे पानी हो, मिट्टी या रेत हो। इसलिए किसी अन्य बंदूक की वजह एके-47 को दुनिया में सबसे ज्यादा कॉपी किया जाता है। यह केवल 8 पुर्जों से मिलकर बनी होती है और और इन्हें केवल 1 मिनट में जोड़ा जा है।

AK-47 राइफल अकेली ऐसी राइफल है, जो किसी भी वातावरण में काम कर सकती है। चाहे पानी हो, मिट्टी या रेत हो। इसलिए किसी अन्य बंदूक की वजह AK-47 को दुनिया में सबसे ज्यादा कॉपी किया जाता है। यह केवल 8 पुर्जों से मिलकर बनी होती है और इन्हें केवल 1 मिनट में जोड़ा जा सकता है।AK-47 दुनिया की इकलौती ऐसी राइफल है जिसे बच्चे भी आसानी से चला सकते हैं।AK-47 का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल हैं क्योंकि ये दुनिया का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला हथियार है। आज की तारीख में दुनिया में करीब 10 करोड़ AK-47 हैं, मतलब हर 70 लोगों पर एक।केवल रुस ही दुनिया को AK-47 सप्लाई नहीं करता बल्कि 30 अन्य देशों को भी इसे बनाने का लाइसेंस प्राप्त है। जैसे- भारत, चीन, इजराइल, मिस्त्र, नाइजीरिया आदि। इनमें चाइना सबसे ज्यादा AK-47 बनाता है।

AK-47 दुनिया की सबसे ज्यादा अवैध रुप से बिकने वाली राइफल है।AK-47 300 मीटर की दूरी तक एकदम सटीक निशाना लगाती है। अगर शूटर अच्छा हुआ तो 800 मीटर तक की दूरी पर भी निशाना लगा सकती है।आधुनिक AK-47 में एक ग्रेनेट लांचर भी जोड़ा जा सकता है |एक AK-47 गन की लाईफ 6000 से 15000 राउंड तक होती है।