कुछ लोगों को खट्टा खाना अधिक प्रिय होता है, और कुछ लोगों को मींठा खाना। कुछ लोगों को अधिक मिर्च मसालेदार खाना अधिक प्रिय होता है।
लेकिन पहले जमाने के लोग एक कहावत कहते थे। मेरी मम्मी जब हम लोग छोटे थे तो अक्सर बोलतीं थीं
गया मर्द जो खाए खटाई, गई नार जो खाए मिठाई।
और जब मैं इसका मतलब मम्मी से पूछती थी तो बोलती थीं, आदमी अधिक खट्टा खानें से बर्बाद हो जाता है, और औरत बहुत ज्यादा मीठा खाने से बर्बाद हो जाती है।
लेकिन तब इसका मतलब समझ में नहीं आता था, और ज्यादा कुछ पूछने पर डांटकर चुप करा दिया जाता था ?
फिर जैसे जैसे बड़े हुए जानकारी में भी इजाफा होने लगा ?
मैंने किसी किताब में पढ़ा था या पत्रिका में कि- आम जो बहुत खट्टा होता है, उसमें एक ऐसा टाक्सिन पाया जाता है जो पुरुष के लिए नुकसानदायक होता है। इसका अधिक प्रयोग करने से पुरुषों में नपुंसकता आती है।
कुछ लोगों का कहना है अधिक इमली खानें से होता है। अब आम हो या इमली मुझे यही समझ में आया कि- अधिक खट्टा पुरुषों को नहीं खाना चाहिए।
अब स्त्रियों के लिए अधिक मिठाई खाना क्यों वर्जित है? तो इसके लिए ये लौजिक है कि, पीरियड्स में अगर स्त्रियां मिठाई अर्थात चीनी वाली मिठाईयां खाती हैं तो उस दौरान दर्द अधिक होता है।
लेकिन फल खाने से नहीं। वैसे मैंने अब तक जो महसूस किया है वो यही कि- खटाई या मिठाई कुछ भी अधिक मात्रा में खाई जाए तो, स्त्री हो या पुरुष दोनों को ही नुकसान पहुंचता है।
अति तो हर चीज की बुरी ही है।