विद्वानों के अनुसार धरती पर सबसे बड़ा बल नाभिकीय बल (न्यूक्लियर फ़ोर्स) है।
बस इतना जान लीजिए की उसके बाद सबसे ज़्यादा बल या ताकत रूपयों-पैसों में ही होती है।
कहा गया है:
परागन पैसा राखिये, बिन पैसा सब सून ।
पैसा गए न उबरे, मोती मानुष चुन ।।
पैसा होना बहुत ज़रुरी है। पैसों के बिना कुछ भी नहीं है।
पैसों के बिना ना मोती (संपदा) मिलते हैं, ना ही दूसरे मनुष्यों (दोस्त, रिश्तेदार आदि) का साथ मिलता है और ना ही चुन (आटा) अर्थात भोजन मिलता है।
ज़िंदा रहने के लिए पेट और मन दोनों भरे होना चाहिए जिसके लिए भोजन और दोस्त/रिश्तेदार चाहिए। और जैसा ऊपर वाले दोहे में समझाया गया है पैसों के बिना दोनों ही नहीं मिलते।
पैसों में मेहमानों को खींचने का अतुलनीय बल होता है। पैसे नहीं है तो आपके विवाह समारोह में उतने लोग शामिल नही होंगे। लेकिन अगर आपके पास पैसा है तो कईं बेगाने अब्दुल्ला दीवाने होकर आपके बेटे-बेटी के विवाह में वेटर बन जाएंगे और नृत्य भी पेश करेंगे सो अलग।
पैसों के बल का एक और उदाहरण है कि पैसा पैसे को खींचता है।
यदि आपके पास पैसा है तो आप अच्छे से अच्छे स्कूल/कॉलेज में शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। उसके बाद अर्जित किये ज्ञान से नया व्यापार या इन्वेस्टमेंट कर, और अधिक पैसा कमा सकते हैं। जीवन आसान हो जाता है।
दूसरी ओर अगर आपके पास पैसा नहीं है तो उपरोक्त चीजों को हासिल करने के लिए आपको दोगुनी-तिगुनी मेहनत करना पड़ सकती है।
पैसों की कमी से कईं अच्छे लड़के आजीवन कुंवारे रह जाते हैं और कईं पैसों वाले 89 वर्ष में भी शादी करते हैं:
जिस तरह लीवर (उत्तोलक) का प्रयोग करने से लगाया गया बल कईं गुना हो जाता है, उसी तरह पैसा होने पर आपका बल या ताकत कईं गुना हो जाती है। जीवन में आपको लिवरेज मिल जाता है।
कहते हैं पैसों से सफलता मिलती है या फिर शायद सफलता से पैसा मिलता है। लेकिन जो भी हो, सफलता के हमेशा कईं बाप होते हैं और असफलता हमेशा अनाथ होती है।