करोना के चार पांच महीने बाद अब थोडे थोडे मेहमान आने लगे हैं, दो घंटे बैठते भी है,चाय नाश्ता भी करते हैं । जाते जाते सलाह भी देते जाते हैं,
भैया घर से बाहर मत निकलना ,महामारी फैली है…
मुझे लगता है कि यह स्तिथि सितम्बर माह में ही आ सकती है। उसके बाद केस नीचे जा सकते है। लेकिन घबराने की बात नही है। कोरेना का असर वहूत कम है बचाव करते रहे।
अगर हम पाकिस्तान, बांग्लादेश और भारत के डेली केस का ग्राफ देखे तो भारत अभी भी बढ़ ही रहा है। भारत मे बढ़ने के कारण यह नही है कि सभी तरफ बढ़ रहा है। वल्कि यह राज्यों के अनुसार किये गए वचाब के अनुसार इसकी फैलने की रफ्तार रही है। इसलिये इसका प्रभाव पहले अमेरिका और ब्राजील की तरह तेजी से नही हुआ।
भारत मे यह पहले बड़े महानगरों में फैला।अब यह 5 लाख से 10 लाख की आवादी के शहरों में फैलने लगा है। अछूता तो इससे कोई नही रहा है। लेकिन घबराने की बात नही है क्योंकि हम साउथ एशिया के देश के लोगों की इम्युनिटी अच्छी है। एक दो माह में यह खत्म हो जाएगा। अभी डेथ रेट भी दो प्रतिशत के आसपास आ गई है और यह तो वह केस है जो टेस्ट में आये है इससे कई गुना केस तो ऐसे होंगे जिसमे लोगों को कोरेना हो कर भी ठीक होकर चला गया होगा लेकिन पता भी नही चला।
इसका उदहारण पाकिस्तान और बांग्लादेश को लेते है।
एक्टिव केस अब दक्षिण भारत मे ही अधिक आ रहे है। हालांकि हमे उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में जागरूक रहने की जरूरत है क्योंकि इनके शहरों में वचाब नही रखा तो यहाँ भी दक्षिण के शहरों की तरह फैल सकता है। अतः बचाव के साथ ही कार्य करने की आदत डालनी पड़ेगी।
सोर्स।