क्या चीन वास्तव में उतना ही शक्तिशाली है जितना कि हम सोचते हैं

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Power Of China

जी नहीं,

हम भारतीय जो सोचते हैं, चीन उससे भी कहीं अधिक शक्तिशाली है।

चीन एक वैश्विक आर्थिक और ढांचागत शक्ति है।

इन तथ्यों पर गौर कीजिए, आपको चीन और भारत मे अंतर पता चल जाएगा—

1. चीन का आर्थिक रूप से सबसे बड़ा प्रांतगुआंग्डोंग है जिसकी जीडीपी 1.3 ट्रिलियन है जो भारत की जीडीपी के लगभग 45% है। हमारे आर्थिक रूप से सबसे बड़े राज्य महाराष्ट्र की $ 430 बिलियन की जीडीपी है।
2. चीन के पास दुनिया की सबसे सबसे अधिक GDP ppp $ 25 ट्रिलियन (भारत का 2.5 गुना) है और 12.5 ट्रिलियन डॉलर का दूसरा उच्चतम नॉमिनल जीडीपी (भारत के 5 गुना) है।

3. पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना के पास 3.21 ट्रिलियन डॉलर की संपत्ति है, जो कि हमारे जीडीपी से अधिक है।

4. चीन के पास दुनिया का सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार है, जो कि भारत के मुकाबले लगभग 8 गुना अधिक (3.2 ट्रिलियन डॉलर )है।

5. चीन भारत की GDP को हर 2–3 वर्षों में अपनी अर्थव्यवस्था में जोड़ता है।

6. चीन के पास वैश्विक औद्योगिक डिजाइनों का सबसे अधिक हिस्सा है, और दुनिया में सबसे बड़ा विनिर्माण ढाँचा है। दुनिया का लगभग आधा माल चीन में निर्मित होता है।

7. रेवेन्यू में शीर्ष 50 सबसे बड़ी कंपनियों में से 11 चीनी हैं। सूची में एक भी भारतीय कंपनी नहीं है।

8. चीन की अर्थव्यवस्था केवल तीन दिनों की अवधि में एक करोड़पति सृजित करती है। इसलिए चीन में अमेरिका के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा करोड़पति और अरबपति हैं।

9. चीन की अर्थव्यवस्था $ 12.5 ट्रिलियन है, जो सालाना 6% की दर से बढ़ रही है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था $ 20 ट्रिलियन है, सालाना 2.3% की दर से बढ़ रही है। इस तरीके से, चीन 2030 तक दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और अमेरिका से आगे निकल जाएगा।

अब जरा चीन के बुनियादी ढांचे को देखिये—

एक कडवी सच्चाई यह है कि अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचे की बात करें तो भारत चीन के आस-पास भी नहीं है। चीन अमेरिका के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा है, दुनिया में सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की कोशिश कर रहा है, जबकि हम भारतीय अपनी पीठ थपथपा रहे हैं कि हम पाकिस्तान जैसे विफल राज्य की तुलना में कैसे बेहतर हैं। वास्तविकता यह है कि चीनी भी भारत को एक बड़े प्रतिस्पर्धी के रूप में नहीं मानते हैं!

हमें पाकिस्तान पर ध्यान देना बंद कर देना चाहिए, इसके बजाय हमे अपने स्वयं के विकास पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर देना चाहिए। चीन निकट भविष्य में भारत के लिए एक गंभीर खतरा बन सकता है।