लगभग हर इंसान यही सोचता है और मानता है कि दूसरी दुनिया भी है जो शैतानों की मानी जाती है जिस नर्क कहां जाता है। वही कुछ लोगो का मानना है कि दूसरी दुनिया यानी नर्क के दरवाजे इसी दुनिया में खुलते हैं ऐसे में कई लोगों का दावा है कि उन्होंने नर्क के दरवाजे खोज निकाले हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं ऐसी जगह के बारे में जिन्हें नर्क का दरवाजा कहा जाता है।
कई लोगों का दावा है कि उन्होंने नर्क के दरवाजे खोज निकाले है –
इटली की नैप्पस की
इटली की नैप्लस में मौजूद गुफा का जिक्र 2000 साल पहले लिखी गई किताब में मिलता है। 1932 में आर्कियोलॉजिस्ट अमेदो मैउरी ने इसे नर्क का द्वार घोषित किया था। अभी तक किसी ने दरवाजे के अंदर जाने की हिम्मत नहीं की है। हालांकि असलियत कुछ भी हो लेकिन लोगों की बातों सुनने के बाद कोई भी इस दरवाजे के अंदर जाने की हिम्मत नहीं करता है।
एक रात में गायब हो गया था पूरा गांव। जानिए क्या है? इसका रहस्य –
एक जगह जहाँ एक रात पहले तक पूरा गांव बसा हुआ था और रात रात ही यहां गांव पूरी तरह से गायब हो गया। यहां तक कि इस जगह, इस गांव का कोई नामोनिशान ही नहीं रहा। हम बात कर रहे कनाडा की एंजिकुनी लेक के पास इनुइट गांव की। यह गांव एक ही रात में उजड़ गया और यहां रहने वाले लोग रातों-रात कहां चले गए इसकी कोई जानकारी नहीं मिली। यहां लोगों के सामने से लेकर हथियार अपने ही जगह पर मिले। इसके अलावा डॉग्स अपने ही जगह पर जमे हुए मिले। बताया जाता है कि वह भूखमरी का शिकार हो गए थे जबकि वहां खाना बिखरा पड़ा था। इसे लेकर अब तक कोई भी लॉजिकल थ्योरी सामने नहीं आई है। कुछ लोगों का मानना है कि एलियंस यहां से लोगों को अगवा कर ले गए।
नो रिटर्न् आइलैंड का अनसुलझा रहस्य –
केन्या के रुडोल्फ लेक के पास बने आइलेंट को ‘नो रिटर्न’ आयरलैंड कहते हैं। अब इस आइलेंट पर कोई नई रहता। कहां जाता है कि कई सालों पहले यहां लोग रहा करते थे, लेकिन एक दिन वह अचानक गायब हो गए, उनको पता आज तक नहीं चल पाया। कहते कि आज भी जो इस आईलैंड पर जाता है, वह कभी लौट कर नहीं आता।
रहस्यमयी आकृति –
इस तरह की आकृति दुनिया भर में कई अलग- अलग जगह पर पाई गई है। कुछ लोगों का कहना है कि यह एलियंस का काम हो सकता है तो किसी को लगता है यहां चक्रवात जैसे किसी प्राकृतिक आपदा की वजह से बने हैं लेकिन इतनी सुंदर आकृति आखिर किसने बनाया। यह रहस्य बरकरार है।
डेजा वू का अनसुलझा रहस्य –
डेजा वू का अर्थ पूर्व आभास से है अर्थात जो हमारे साथ पहले हो चुका है वह फिर से हो रहा है, ऐसा महसूस होना ही डेजा वू है।
डेजा वू के बारे में वैज्ञानिकों और लोगों का अपना अलग-अलग मत है। कोई कहता है कि यह पिछले जन्म की यादों की वजह से होता है, तू कोई कहता है कि दूसरे ब्रम्हांड के वजह से हमें डेजा वू का एहसास होता है, लेकिन सच क्या है इसका अभी तक कोई पता नहीं लगा पाया।
आइए अब जानते हैं कंप्यूटर से जुड़े कुछ अनसुलझे रहस्य –
1. इंटरनेट ब्लैक होल-
आपके साथ ऐसा कई बार हुआ होगा जब आपने गूगल में कुछ सर्च किया होगा लेकिन गूगल ने कोई रिजल्ट नहीं दिखाया होगा। इंटरनेट की दुनिया में इसे ब्लैक होल्स कहते हैं। ब्लैक होल्स एक ऐसी चीज है जो कि डाटा के ट्रांसफर होने में अड़चन लाती है। ऐसा क्यों होता है इसका अभी तक पता नहीं चला है। कुछ लोग इसका कारण डैड आई पी (Dead IP Address) एड्रेस और कंप्यूटर की फायरवर्क को मानते हैं लेकिन कंप्यूटर विशेषज्ञों के अनुसार ऐसा होना एक बहुत ही बड़ी पहेली है क्योंकि डाटा ऐसे ही कहीं भी खो नहीं जाता है। डाटा कहीं ना कहीं तो अवश्य ही मौजूद होता है। ऐसे ही ब्लैक होल्स का मामला अमेरिका में 2013 में आया था। जहां पर लोगों की जानकारी को आइसलैंड पर किस जगह पर भेजा जा रहा था ऐसा कौन कर रहा था अभी तक एक रहस्य ही है इस प्रकार इंटरनेट ब्लैक होल्स की गुत्थी को अभी तक कोई भी व्यक्ति हल नहीं कर पाया है।
2. मेरिआना वेब (Meriana’s web) –
प्रशांत महासागर के पश्चिम भाग में दुनिया की सबसे गहरी खाई है जिसका नाम है मेरिऑन ट्रेंच है इसकी गहराई 11000 मीटर है। मैरिआना वेब का नाम इसी खाई से लिया गया है। मेरिआना वेब, इंटरनेट की ऐसी एक दुनिया है जो कि डीप वेब से भी ज्यादा डीप मानी जाती है इसे इस तरह से समझा जा सकता है जैसे- इंटरनेट का पहला और दूसरा फेज नॉर्मल वेबसाइट के जरिए खोजा जा सकता है। तीसरा और चौथा फेज डार्क ब्राउज़र का माना जाता है जिसे खास ब्राउज़र के जरिए खोजा जाता है जैसे तोर ब्राउज़र (Tor browser) 5 फेस को मेरिआना वेब नाम माना जाता है ऐसा माना जाता है कि आज के जो भी बड़े से बड़े रहस्य है चाहे वह किसी भी चीज से जुड़े हो, सब के सब मेरिआना वेब में छिपे हैं जहां तक पहुंच पाना संभव नहीं है क्योंकि मैरिआना वेब तक पहुंचने के लिए क्वांटम कंप्यूटर की जरूरत होती है जो कि आज तक बनाया नहीं जा सका है। वॉशिंगटन पोस्ट यह कहता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी एनएसए कंप्यूटर का निर्माण कर रही है। हालांकि मेरिआना वेब अभी तक एक कल्पना ही माना गया है।
3. वेबड्राइवर टूर्स (Web driver Torso) –
यहां यूट्यूब पर एक चैनल है जो कि यूट्यूब पर ऐसी वीडियो डालता है जो कि आज तक समझे नहीं जा सकते हैं। हर वीडियो का समय 11 सेकंड होता है इस चैनल पर 2013 से वीडियो अपलोड किए जा रहा है जोकि नीले और लाल रंग के रैक्टेंगुलर आकार के होते हैं और वीप की आवाज के साथ स्थान बदलते हैं। इस चैनल पर एक लाख से ज्यादा वीडियो अपलोड हो चुके हैं और 92000 सब्सक्राइबर भी है इसमें हर वीडियो एक ही तरह की है हालांकि गूगल अब यह दावा करने लगा है कि वेब ड्राइवर टूर्स उनके द्वारा संचालित ही एक चैनल है जो कि यूट्यूब की क्वालिटी को चेक करने के लिए बनाया गया है।