पहले तो मैं ये बता दूँ की ये काँक्रीट ब्लाक टेट्रापाड कहलाते हैं,
अब इन्हें टेट्रापाड क्यों कहते हैं , क्योंकी इनकी चार भुजायें होतीं हैं, यदि ३ होतीं तो ये ट्राइपाड कहलाते.
प्रश्न है कि अब ये मुम्बई की मरीन ड्राइव रोड को टच करके समन्दर में क्यों पड़े है, तो इसका कारण है इनके द्वआरा समुद्र की लहरों के प्रकोप को कम कराना.
इनकी बनावट में ही इनकी बिशेषता छुपी हुई है,
एक तो ये इनकी बनावट से स्वम से स्टेबल हैं,
दूसरा ये आसानी से इंटर्लॉक पोसीसन में आजाते हैं ,
तीसरा इनकी बनावट और रखने के अन्दाज़ से हमेशा आने वाली समन्दर की लहरों अवम उनके अति टीब्र प्रहार को सहन कर लेने की शक्ति और लहर के प्रकोप को कम करना काफ़ी उपयोगी है, जो समुन्दर से लगी हुई सड़क और अन्य किसी इमारत को लहरों के प्रकोप से बचाती है,
इनके बीच की जगह, गति से आते जल को आगे,पीछे , ऊपर, नीचे जाने का मार्ग भी प्रशस्त करती है.
इनसे कई हानियाँ भी हैं , इंसानो के एक छोटे से फ़ायदे के लिए जैसे की एम्बैंक्मेंट और रोड या समीपवर्ती इमारतों की फ़ाउंडेशनस या नीव को बचाने में तो ये समर्थ हैं , किंतु प्राकृतिक रूप से ये इन्वायरॉन्मेंट को हानि पहुँचने बाले हैं.क्योंकि समुद्र की लहरों का ये प्राकृतिक तरीक़े से निस्पदंन होने से रोकते हैं,
ये तेज़ लहरों के साथ किनारे की ओर आने वाले समुद्री जीवों की चोट का और उनकी मौत का कारण बनते हैं और हाँ देखने में ये पूरे नैसर्गिक दृश्य को असहनीय भी बनाते ही हैं, इसलिए बहुत सारे देशों में इन्हें प्रतिबंधित किया है,