कुछ सबसे प्रचलित गलत फहमियां क्या है ?

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1 : पुरुष हर 7 सेकंड में लड़कियों के बारे में सोचते हैं |

पता नहीं लोग कहाँ से ऐसी जानकारी लाते हैं ? एक सामान्य पुरुष, लड़कियों के बजाय किसी भी समय भोजन और नींद जैसी मूलभूत जरूरतों के बारे में ज्यादा सोचता है | अब कोई अपवाद हो तो आप बताएं |

2 : ज्यादा करीब से टी. वी. देखने से आँखे ख़राब हो सकती हैं |

ऐसा पुराने ज़माने के टी.वी. के साथ होता होगा लेकिन आज के टी.वी. सेट्स के साथ ऐसी कोई बात नहीं है | हाँ आपको थोड़ी बहुत सरदर्द और तकलीफ हो सकती है लेकिन कोई स्थायी नुकसान नहीं होगा |

3 : सांड को लाल कपडा दिखाने से वो गुस्सा हो जाता है |

आम अवधारणा के विपरीत भैंस या फिर सांड को रंग की परख नहीं होती है | आप उसके सामने कोई भी कपड़ा हिलाएं, वो वैसे ही प्रतिक्रिया देगा जैसा लाल कपडे के साथ करता है |

4 : उगलियों को बजाने से अर्थराइटिस हो सकता है |

उँगलियों को बजाने से निकलने वाली आवाज किसी चीज़ के टूटने-फूटने की नहीं होती है | ये आवाज़ उँगलियों के जोड़ में मौजूद बुलबुलों के फूटने से आती है |

5 : च्युइंग-गम आपके पेट में सात वर्षों तक रह सकता है |

इस बात की शुरुआत शायद छोटे बच्चों को च्युइंग गम खाने से रोकने के लिए की गयी थी | लेकिन ये बात बिलकुल आधारहीन है | अगर आप च्युइंग-गम को निगल लेते हैं तो वो बिलकुल दुसरे चीज़ों की तरह आपके शरीर से बाहर आ जाएगा |

6 : केले के फल, पेड़ पर फलते हैं |

प्रचलित अवधारणा के विपरीत केले का पौधा, बस एक बड़ा सा शाक (हर्ब) होता है | इसी प्रकार बांस का पौधा भी एक प्रकार का घांस है न की पेड़ |

7 : मनुष्य की पांच इन्द्रियाँ होती हैं |

प्रचलित अवधारणा के विपरीत मनुष्य की पांच से अधिक इन्द्रियाँ होती हैं ( मैं छठी इन्द्री की बात नहीं कर रहा हूँ ) | इन पांच इन्द्रियों के अलावा भी मनुष्य के पास संतुलन, भूख, दर्द, प्यास, दबाव जैसी लगभग 20 इन्द्रियाँ होती हैं |

8 : ठंडे माहौल में रहने से आपको सर्दी हो सकती है |

मौसम वाली सर्दी और वायरस से होने वाली, खांसी-सर्दी दो अलग चीज़ें हैं | ठंडे माहौल में रहने से सर्दी होने की बात गलत है, ऐसा एक वायरस के कारण होता है जो कि संक्रमण के जरिए फैलता है |

9 : मनुष्य अपने दिमाग का केवल 10 प्रतिशत भाग ही प्रयोग में लाते हैं |

ये बात आपने भी कई फिल्मों में सुनी होगी, लेकिन इसका वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं है | आप अपने दिमाग का पूरा 100 प्रतिशत भाग उपयोग में लाते हैं लेकिन मष्तिष्क के हर हिस्से का काम अलग-अलग होता है और विभिन्न कार्यों के लिए आप दिमाग के अलग अलग हिस्से का उपयोग करते हैं |