को-रोना वायरस ने तो पूरे विश्व पर असर किया है तो फिर सिर्फ भारत की जीडीपी पर इतना बुरा असर कैसे पड़ा?

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जितनी सख्ती से लॉक डाउन भारत में हुआ इतना किसी अन्य देश में नहीं हुआ। मजदूरों के घरों को जाने का समाचार केवल भारत में ही सुनने में आया। अमेरिका में ट्रम्प ने लॉक डाउन सख्ती से लागु करने में आनाकानी इसलिए की कि अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। अब यहाँ ये सोच आने लगी है कि क्या लॉक डाउन का निर्णय सही था ?

भारत की जनसंख्या 132 करोड़ के आसपास है। ऐसा भारत सरकार का अनुमान है।

हमारे देश में प्रति किलोमीटर, आबादी साउथ एशिया के अन्य देशों के हिसाब से काफी ज्यादा है ।

यानी हम कम जगह में ज्यादा लोग रह रहे हैं ऐसी अवस्था में कोई भी बीमारी या रोग जो छुआ छात से फैलता हो, वह भारत में अगर आता है तो बेहद तेजी से फैलेगा।

करोना वायरस संक्रमण इसी का एक अच्छा उदाहरण है । जब तक भारत सरकार ने लॉकडाउन सख्ती से लगाया, तब तक कोरोना संक्रमण नियंत्रण में रहा ।

लेकिन एक बार जैसे अनलॉक डाउन धीरे धीरे शुरू हुआ, तो जनता में करोना संक्रमण रोकने की सावधानियों के प्रति अनुशासन ना होने के कारण, यह संक्रमण बड़ी तेजी से फैला है और अब प्रतिदिन करीब 80,000 नए संक्रमित रोगी टेस्टिन्ग के बाद पॉजिटिव पाए जा रहे हैं ।

संक्रमण रोकने के लिए भारत सरकार ने विशेषज्ञों और डब्ल्यूएचओ के सिफारिशों के अनुसार, 3 महीने तक पूर्ण ,आर्थिक ढांचे को तालाबंदी कर दी गई । ऐसी अवस्था में जब उत्पादन और सेवाएं बंद हो गई तो ग्रॉस डॉमेस्टिक प्रोडक्ट अपने आप ही नीचे जाना था।

यह तय था और उसी के नतीजे अब आप देख रहे हैं ।

अब आपका सवाल यह है कि दूसरे देशों में यह कम हुआ है और भारत में ज्यादा हुआ तो उसका मुख्य कारण यह है कि भारत सरकार ने 3 महीनों तक बहुत ज्यादा सख्ती से कोरोनावायरस रोकने के लिए प्रयास किया।

डब्ल्यूएचओ और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की की शर्तों का पालन किया। कोरोनावायरस चलता रहा क्योंकि लोग असावधान हो गए थे।

लेकिन जब आर्थिक तंगी और उसके प्रभाव को लोगों की आर्थिक अवस्था पर आ गया तो सरकार ने रोजगार के मौकों के ऊपर उसका प्रभाव देखा।

तो मजबूरी में भारत सरकार ने समझदारी दिखाते हुए, अनलॉक डाउन धीरे-धीरे शुरू किया । अब एक क्वार्टर के ऊपर जो जीडीपी में गिरावट आई है, उसको एक मील का पत्थर मानकर , आप कोई नतीजे पर नहीं पहुंच सकते।

3 से 6 महीने और देखिए और अगर उसके बाद यदि आपको लगे कि भारतीय अर्थव्यवस्था बिगड़ गई है और जीडीपी पर बहुत प्रभाव पड़ रहा है, तब उसका आकलन करके एक सही जवाब दिया जा सकेगा।

फिलहाल तो मैं यही कहूंगा कि, आज मारुति कार की उत्पादन और बिक्री संख्या आई है ।उनकी अगस्त की सेल्स बहुत अच्छी रही है जो इस बात का संकेत है कि अब आर्थिक गतिविधियां और कारों की खरीदना वगैरह जो लग्जरी आइटम है उनकी बिक्री, धीरे-धीरे सामान्य जीडीपी ग्रोथ के हिसाब से बढ़ रही है।

अगर यह जारी रहता है भारतीय अर्थव्यवस्था शीघ्र ही पटरी पर आ जाएगी और जीडीपी ग्रोथ वापस अपने पुराने ढर्रे पर दौड़ेगी।