दुनिया की कुछ अचंभित करने वाली बातें

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अगर आपके कॉलेज में आपका कोई दोस्त, अनजाने में, आपके जैसी ही टी-शर्ट पहन कर आ जाए तो इसे संयोग कहते हैं. अब ज़रा सोचो कि अगर इस दोस्त का बर्थडे भी उसी दिन आता है जब आपका, तब भी शायद आप इसे संयोग ही कहेंगे. लेकिन अगर में कहूं कि ये दोस्त उसी अस्पताल में पैदा हुआ था जहां आप, बस अंतर ये था कि जहां ये पैदा हुआ था उस कमरे का नंबर था 102 और आपके कमरे का नंबर था 201, तो इसे क्या कहोगे? संयोग? किसी फ़िल्म की कहानी? या फिर ऊपरवाले की माया? यकीन मानो कि ऐसे कई, और भी अजीब, और भी चौंका देने वाले संयोग इस धरती पर घटे हैं. और कुछ बड़े ही रोचक और मज़ेदार संयोग हम आपके लिए ले कर आये हैं. हैरान होने के लिए तैयार हो जाओ…

1. नाम का फेर

2013 में अभिनेता राजकुमार राव ने ‘शाहिद’ नाम की फ़िल्म में काम किया था और कुछ ही दिन बाद शाहिद कपूर की एक फ़िल्म आयी थी जिसका नाम था ‘आर. राजकुमार’.

 

2. हैप्पी वैलेंटाइन्स डे

अरविंद केजरीवाल ने एक साल पहले 14 फरवरी, 2014 में अपना इस्तीफ़ा दिया था और इस साल चुनाव जीतने के बाद, 14 फरवरी, 2015 को फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.

 

3. भाइयों की ट्रेजेडी

नेविल और एरस्किन एबिन, दो भाई थे जिनकी मृत्यु 17 साल की कम उम्र में एक टैक्सी एक्सीडेंट में हो गयी थी. अब चौंकाने वाली बात ये है कि दोनों की मृत्यु एक साल के अंतराल में हुई, जब दोनों एक ही मोपेड चला रहे थे. इससे भी ज़्यादा हैरत की बात ये है कि एरस्किन एबिन का एक्सीडेंट उसी टैक्सी से हुआ, जिस टैक्सी से नेविल का हुआ था. उस टैक्सी को वही ड्राइवर चला रहा था जो पहले एक्सीडेंट में शामिल था और उसकी टैक्सी में वही इंसान बैठा हुआ था जो नेविल के एक्सीडेंट के समय बैठा था. यकीन नहीं होता तो 1975 की ये न्यूज़पेपर क्लिपिंग देखो…

 

4. मार्क ट्वेन की भविष्यवाणी

मशहूर लेखक, मार्क ट्वेन ने 1909 में कहा था कि ‘मेरा जन्म 1835 में तब हुआ था, जब हैली धूमकेतु धरती के पास से निकला था और अगले साल हैली धूमकेतु फिर से गुज़रने वाला है, और जब वो जाएगा, तक मैं भी इस दुनिया से चला जाऊंगा’. फिर क्या था, 21 अप्रैल, 1910 को मार्क ट्वेन की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गयी और हैली धूमकेतु एक दिन पहले ही धरती के पास से गुज़रा था.

5. सचिन और कोहली का संयोग

क्रिकेट के भगवान, सचिन तेंदुलकर और भारतीय क्रिकेट के उभरते सितारे, विराट कोहली के बीच का संयोग सचमुच अचम्भे में डालने वाला है. 28 दिसंबर, 1999 को सचिन ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़, पांचवे टेस्ट मैच में, मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर, उन्नीसवीं पारी में 1000 रन पूरे किये थे.

ठीक 15 साल बाद, विराट कोहली ने भी ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़, पांचवे टेस्ट में, मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर, उन्नीसवीं पारी में 1000 रन पूरे किये. इस कीर्तिमान के समय दोनों की उम्र 26 साल थी और दोनों MRF के बैट से ही खेल रहे थे.

 

6. जॉनी ब्रावो कार्टून की हकीकत

टीवी पर जॉनी ब्रावो कार्टून के बहुत से fans हैं, लेकिन इस कार्टून के एक एपिसोड में कुछ बहुत ही अजीब हुआ. अप्रैल, 2001 में जॉनी ब्रावो का एक एपिसोड टीवी पर आया जिसमें पीछे एक पोस्टर लगा हुआ था. उस पोस्टर पर दो जलती हुई इमारतें बनी थीं और उस पर लिखा था ‘Coming Soon’. इसके ठीक पांच महीने बाद अमेरिका में 9/11 की घटना घटी जब आतंकवादियों ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हवाईजहाज से हमला कर उसे गिरा दिया.

 

7. असली बॉन्ड… जेम्स बॉन्ड

1990 में यूके के स्कूल में 15 साल का एक लड़का परीक्षाओं के लिए बैठा था. इस लड़के का नाम था बॉन्ड… जेम्स बॉन्ड! और उसके पेपर का नंबर था 007.

8. सचिन तेंदुलकर, माइकल क्लार्क और एलिस्टर कुक के बीच का ग़ज़ब संयोग

सचिन तेंदुलकर ने आज तक 200 टेस्ट मैचेस में, 15,921 रन बनाये हैं जिसमें 51 सेंचुरी शामिल हैं. अगर माइकल क्लार्क और एलिस्टर कुक के मैचों, रनों और सैकड़ों का टोटल किया जाए तो वो सचिन तेंदुलकर के जितना ही होगा. इस फ़ोटो को देख कर आप समझ जाओगे.

 

9. हमशक्ल भाइयों की सनसनीखेज़ कहानी

कुंभ के मेले में बिछड़े भाइयों की कहानी तो आपने फ़िल्मों में कई बार देखी होगी, लेकिन ये कहानी उससे भी अजीब है. जिम स्प्रिंगर और जिम लूइस, दो हमशक्ल भाई, बचपन में बिछड़ गए थे और 39 साल की उम्र में फिर से मिले. अब तैयार हो जाओ दिमाग हिला देने वाले संयोग के लिए.

जब वो मिले तो उन्होंने जाना कि दोनों ने लिंडा नाम की महिला से शादी की थी और फिर उसे तलाक दे दिया. इसके बाद दोनों ने ही बेट्टी नाम की महिला से फिर से शादी की. दोनों का एक- एक बेटा हुआ, जिसका नाम रखा गया जेम्स एलन और दोनों के कुत्तों का नाम है टॉय.

 

10. गोली का बदला

अमेरिका के टेक्सस में हेनरी ज़िगलेंड नाम का एक व्यक्ति था जिसने अपनी गर्लफ्रेंड को छोड़ दिया था. निराश गर्लफ्रेंड ने ख़ुदकुशी करना ठीक समझा. फिर लड़की के भाई ने हेनरी की जान लेने की कोशिश की. उसने हेनरी को गोली मारने के बाद खुद को भी गोली मार ली, लेकिन हेनरी की किस्मत अच्छी थी और उसकी जान बच गयी. गोली हेनरी के चेहरे को छूकर पास के एक पेड़ में धंस गयी. सालों बाद, हेनरी उस पेड़ को काटने की कोशिश कर रहे थे जिसके लिए उन्होंने डायनामाइट का उपयोग किया. धमाके की वजह से पेड़ में धंसी गोली सीधे हेनरी के सर पर लगी और उसकी मृत्यु हो गयी. कहते हैं न, गोली-गोली पर लिखा है, खाने वाले का नाम.

11. कंप्यूटर भी चकरा गया

जैसे भारत में आधार होता है वैसे ही, अमेरिका में हर नागरिक को एक सोशल सिक्योरिटी नंबर दिया जाता है. कंप्यूटर की गलती की वजह से अमेरिका की दो महिलाओं को एक ही सोशल सिक्योरिटी नंबर दिया गया था. जब दोनों को ऑफ़िस बुलाया गया तो पता चला कि…

  • दोनों का नाम पैट्रिशिया एन कैम्बेल था
  • दोनों के पिता का नाम रोबर्ट कैम्बेल था
  • दोनों का जन्म 13 मार्च, 1941 को हुआ था
  • दोनों ने 1959 में मिलिट्री के एक आदमी से शादी की थी
  • दोनों के 21 और 19 साल के दो बच्चे थे
  • दोनों को ऑयल पेंटिंग में रुचि थी
  • दोनों ने कॉस्मेटिक्स की पढ़ाई की थी
  • दोनों एकाउंट्स डिपार्टमेंट में काम करती थीं

तो क्या सच में ये कंप्यूटर की गलती थी या ऐसे संयोग को देख कर कंप्यूटर भी चकरा गया?

12. दिव्य तूफ़ान

13 वीं शताब्दी में मंगोलों ने जापान पर फ़तेह करने की ठानी, लेकिन जब वो जापान के हाकाटा पोर्ट पर पहुंचे तो एक प्रचंड तूफ़ान ने उनका स्वागत किया जिसकी वजह से उन्हें वापस लौटना पड़ा. उन्होंने फिर से गर्मी के मौसम में जापान पर हमला करने का निर्णय लिया. इस बार फिर से एक और प्रचंड तूफ़ान ने उनका रास्ता रोक दिया. अंधविश्वासी मंगोलों को लगा कि जापान पर किसी दिव्य शक्ति की कृपा है और उन पर जीत पाना असंभव है. उन्होंने फिर कभी जापान पर हमला नहीं किया. चौंकाने वाली बात ये थी कि गर्मी के मौसम में ऐसे तूफ़ान नहीं आते हैं.

13. बड़े काम का नाम

  • 5 दिसंबर, 1660 को डोवर के पास एक शिप, पानी में डूब गया था. सिर्फ़ एक ही आदमी ज़िंदा बचा था और उसका नाम था ह्यू विलियम्स.
  • 5 दिसंबर, 1767 को एक और शिप इसी जगह पर फिर से डूबा. 127 लोगों की मृत्यु हो गयी और सिर्फ़ एक ही आदमी बचा जिसका नाम था ह्यू विलियम्स.
  • 8 अगस्त, 1820 में एक पिकनिक बोट, थेम्स नदी के पास डूब गयी. इस बार भी सिर्फ़ एक ही आदमी बचा जिसका नाम था ह्यू विलियम्स.
  • 10 जुलाई, 1940 में एक ब्रिटिश नाव को जर्मन आर्मी ने डुबो दिया. सिर्फ़ 2 लोग बच कर निकल पाये. एक आदमी और उसका भतीजा, दोनों का नाम ह्यू विलियम्स ही था.