बॉलीवुड फ़िल्मों को नेटफ्लिक्स जैसे प्लेटफॉर्म में रिलीज़ करने पर फ़िल्म की कमाई कैसे होती है?

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भारत मे pay per view. वाला मॉडल फ्लॉप हो गया , टाटा स्काई और अन्य कुछ dth ने इसकी कोशिश की थी।

Netflix या अमेज़न जैसे प्लेटफार्म पर 2 तरह की फिल्में होती है एक जो ये खुद बनाते है जैसे रात अकेली है दूसरी जो बॉलीवुड ने थिएटर के लिए बनाई पर lockdown के कारण सीधे OTT पर रिलीस हुई जैसे गुलाबो सिताबो।

नई फिल्मों के लिए pay per view मॉडल सही रहता क्योंकि इसमें फ़िल्म निर्माता को पता चलता कि कितने लोग उस फिल्म को देख रहे हैं।अभी तो सिर्फ OTT platform को पता होगा कि कितने लोगों ने किसी फ़िल्म को देखा,और वो लोग ये नंबर डिस्क्लोज़ नही करते।

पारदर्शिता की कमी के कारण फ़िल्म हिट या फ्लॉप भी नही पता चलेगा, जैसे गुलाबो सिताबो अमेज़न प्राइम पर रिलीस हुई , थिएटर में होती तो पता चलता कि कितने टिकिट बिके, किस शहर में ज्यादा चली, कितना बिज़नेस किया इत्यादि। OTT पर ये सब पता नही चलेगा।

फिर भी निर्माताओं के लिए फायदे का सौदा है , लागत के 25–30% फायदे के साथ इन्होंने नेटफ्लिक्स/ अमेज़न को फ़िल्म बेची होगी। अधिकतर छोटी फिल्में उधार के पैसों से बनती है इनकी रिलीस अटक जाए तो ब्याज बढ़ता जाता है। OTT से इन फिल्मों को राहत है क्योंकि थिएटर कब खुलेंगे पता नही, खुल भी गए तो लोग रिस्क लेकर फ़िल्म देखने जाएंगे क्या पता नही।

OTT प्लेटफार्म पर कमाई एक ही बार में होती है जैसे कि गुलाबो सिताबो को अमेजॉन प्राइम ने 61 करोड़ में इसके राइट्स खरीदें है और इस मूवी का बजट 25 से 30 करोड़ के बीच में है